जबलपुर में एक बार फिर मेडिकल माफियाओं का अजब-गजब कारनामा सामने आया है। दमोह की घटना के बाद अब मार्बल सिटी हॉस्पिटल में एक ऐसा घोटाला उजागर हुआ है जिसने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी (IPAP) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम तिवारी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में एक महिला मरीज को ऐसे व्यक्ति के हवाले किया गया, जो डॉक्टर नहीं बल्कि पेटेंट धारक था — और इलाज के नाम पर उसकी जान चली गई। अंबिका नगर निवासी प्रमिला सिंह, जिन्हें अचानक पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के कुछ ही घंटों में उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस जांच में यह सामने आया कि इलाज करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं था — उसका नाम ही बोर्ड में नहीं है। अस्पताल प्रशासन द्वारा इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। यह खुलासा मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टर की डिग्री तलब करने पर हुआ। IPAP के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब मार्बल सिटी हॉस्पिटल में इस तरह की लापरवाही से मरीज की मौत हुई हो। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पिछले 5 महीनों से पुलिस आरोपियों को बचा रही है और प्रशासनिक मिलीभगत के चलते एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। IPAP ने इस घटना को हत्या करार देते हुए अस्पताल के संचालक डॉ. संजय नागराज पर हत्या की FIR दर्ज करने और अस्पताल को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है। पार्टी ने जनता से आह्वान किया है कि वे मेडिकल माफियाओं के खिलाफ इस जन आंदोलन में शामिल हों और अपने स्वास्थ्य अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज़ उठाएं।