जबलपुर से ऊना हिमांचल के लिये रेल सेवा प्रारंभ की जाये : मांग

  • मध्यप्रदेश में सरकार केवल योजनाओं का नाम बदल रही है। “नेक इंसान” योजना बनी अब “राहवीर”, 3 वर्षों से इस योजना के खाते में नहीं है पैसा
  • भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों की मदद करने के लिए शुरू की गई ‘नेक इंसान’ योजना को अब ‘राहवीर’ योजना का नाम दे दिया गया है। यह योजना दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले नेकदिल लोगों को सरकार की तरफ से 25 हजार रुपये देने के लिए बनाई गई थी। योजना की घोषणा 17 मई 2023 को की गई थी, लेकिन अभी तक इस योजना के तहत कोई भुगतान नहीं किया गया है। हादसों में मदद करने वाले 40 से अधिक लोगों को अब तक कोई सम्मान निधि नहीं मिली है।
  • इस योजना को लागू करने का उद्देश्य था कि दुर्घटनाग्रस्त लोगों की जान बचाई जा सके और मदद करने वालों को प्रोत्साहित किया जा सके। योजना के तहत चयनित लोगों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात थी, लेकिन बजट का प्रावधान न होने के चलते पिछले 3 वर्षों से इसके लिए किसी भी प्रकार की राशि स्वीकृत नहीं की गई है।
  • मदद की लेकिन इनाम नहीं मिला: जमीनी हकीकत—
  1. कटनी घटना – 24 घंटे में घायल सिंह की त्वरित मदद: मई 2023 की घटना में जब एक युवक को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट आई तो दो लोगों ने तुरंत मदद की। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उसकी जान बच गई। लेकिन आज तक उन्हें कोई सहायता या सम्मान राशि नहीं मिली।

  2. रीवा जिला – जान बचाई, लेकिन इनाम नहीं: अप्रैल 2023 में एक घायल निवासियों को सड़क से उठाकर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को भी कोई प्रोत्साहन नहीं मिला।

  3. भोपाल – चिकित्सकीय जांच और इलाज में मदद की: एक राहगीर ने घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया और उसके इलाज में मदद की, लेकिन अभी तक कोई प्रशंसा या सहायता नहीं मिली है।

  • सरकारी विभागों की लापरवाही और बजट न होने के कारण इस योजना का उद्देश्य अधूरा रह गया है। ना ही कोई सम्मान निधि दी गई और ना ही किसी प्रकार की सराहना। अब योजना का नाम बदलकर ‘राहवीर’ कर दिया गया है लेकिन क्रियान्वयन और सहायता का अभाव बरकरार है।

इंडियन इंडियन पीपुल्स अधिकार पार्टी के संस्थापक पंडित पुरुषोत्तम तिवारी ने जबलपुर से ऊना हिमांचल रेलवे स्टेशन के लिए सीधी रेल सेवा की मांग की है। तिवारी का कहना है कि जबलपुर में सेना के कई रेजिमेंट जैसे जम्मू एंड कश्मीर राईफल्स, ग्रेनेडियर रेजिमेंट, सी.एम. एम. कालेज, आई. टी. बी. पी. का मुख्यालय तथा सेना का मध्य भारत कमांड मुख्यालय भी है। इसके साथ ही रक्षा विभाग के रक्षा निर्माण जीसीएफ, आयुक्त निर्माणी एवं आर्डिनेंस डिपो और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भी जबलपुर में ही स्थित है। इन सभी संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी जवानों की अधिकतम संख्या हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के लोगों की है। इन लोगों को और उनके घर वालों को जबलपुर से ऊना के लिए आना जाना करना पड़ता है। दोनों शहरों के बीच कोई सीधी रेल सेवा नहीं होने के कारण इन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आई पी ए पी के संस्थापक पुरुषोत्तम तिवारी जी का कहना है कि जबलपुर से ऊना के लिये रेल सेवा व्हाया कटनी,दमोह,सागर,झाँसी/महारानी लक्ष्मीबाई, ग्वालियर, आगरा कैंट, मथुरा केंट, हज़रत निजामुद्दीन, नई दिल्ली, पानीपत, अम्बाला केंट, चंडीगढ़, रूपनगर, आंनदपुर साहेब, कीरतपुर साहेब नंगल डेम ऊना हिमांचल रेलवे स्टेशन होनी चाहिए जिससे इस सेवा का अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले।